इसमें सिक्खों के गुरु तेगबहादुर के शौर्य का ओजस्वनी भाषा में वर्णन |
इस काव्य में सिक्खों के गुरुओं के लिए यशोगन एवं सिख धर्म के उत्थान का बड़ी ओजस्वी भाषा में वर्ण के लिए त्याग एवं बलिदान का सन्देश दिया है |